sidh kunjika No Further a Mystery
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दकारादि दुर्गा अष्टोत्तर शत नामावलि
न सूक्तं नापि ध्यानम् च न न्यासो न च वार्चनम् ॥ २ ॥
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति सप्तमोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति षष्ठोऽध्यायः
ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल
Salutations towards the Goddess who has the form of root chants Who from the chant “Aim” has the form with the creator Who through the chant “Hreem” has the form of 1 who usually takes treatment of everything And who by the chant “Kleem” has the shape of enthusiasm
कुंजिकापाठमात्रेण दुर्गापाठफलं लभेत्।
येन मन्त्रप्रभावेण चण्डीजापः शुभो भवेत् ॥ १ ॥
देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वितीयोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति नवमोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वादशोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति नवमोऽध्यायः
ग्रहों के अशुभ प्रभाव खत्म हो जाते हैं. धन लाभ, more info विद्या अर्जन, शत्रु पर विजय, नौकरी में पदोन्नति, अच्छी सेहत, कर्ज से मुक्ति, यश-बल में बढ़ोत्तरी की इच्छा पूर्ण होती है.